Email Address Kya Hota Hai : नमस्कार दोस्तों मैं अमन पाठक, Moody Dost में
आप सभी का एक बार फिर से स्वागत करता हूँ| आज के इस लेख में हम “ Email ID Kya Hoti Hai “ जानेंगे| तो अगर आप भी google पर email address kya hota hai या email ka matlab kya hota hai सवाल search कर रहे हैं तो आप
इस लेख को पूरा अवश्य पढ़ें|
हम सबने अपनी life में email शब्द ना जाने कितनी
बार सुना होगा| आज कल email का हर जगह उपयोग हो रहा है| अगर हम phone में play
store, facebook, या twitter जैसे apps का उपयोग करना चाहते हैं तो हमें email की आवश्यकता
पड़ती है| हम school अथवा college का फॉर्म भरते हैं तब हमें email की आवश्यकता
पड़ती है| आज कल जो भी Goverment Office है, अगर हम उनसे संपर्क करना चाहते हैं तो
हमें उनसे email के द्वारा संपर्क करना पड़ता है| जब हम कोई नौकरी का form भरते हैं
या अपना कोई document जैसे Aadhar अथवा PAN card बनवाना हो तब भी वहां पर हमें
email का option मिलता है| आज के समय में ऐसी बहुत ही कम जगह है जहाँ पर email का
उपयोग ना होता हो|
आप सब भी इस वक्त email का उपयोग अवश्य कर रहे
होंगे| हमें कई बार mail भी आए होंगे और हमने कुछ लोगो को mail भी अवश्य भेजा
होगा| हम सबके पास एक email id अवश्य होगी| परन्तु क्या आपने कभी सोचा है email id kise kahate hain या email id kya hoti hai
(toc)
Email का मतलब क्या होता है - Email Ka Matlab Kya Hota Hai
Email Ka Matlab Kya Hota Hai : email का पूरा नाम
electronic mail है| आप सभी को mail मतलब पत्र के बारे में तो अवश्य पता होगा| कई
साल पहले मात्र पत्र ही संपर्क करने का एक साधन था तब फ़ोन वगेरा नहीं चलते थे| कैसा
भी संचार अर्थात communication करना हो सरकारी, व्यवासिक, या पारिवारिक ये सब कुछ
पत्र से ही होता था| जरूरी documents भेजना या किसी कार्यक्रम का निमंत्रण भी
इन्ही से भेजा जाता था| परन्तु इन्हें पहुँचने में बहुत समय लगता था|
email भी इसी तरह
है| इसमें हम internet की सहायता से electronic रूप में पत्र अर्थात mail का आदान
प्रदान करते हैं| कैसा भी mail हो हम email के द्वारा उसे आसानी से भेज सकते हैं| हम
email के साथ जरूरी documents एवं files को attach करके भी भेज सकते हैं|
email IP/TCP के
विभिन्न protocols का उपयोग करके mail भेजता है| mail भेजने के लिए हमें हमेसा अपनी
एवं जिसे email भेजना है उसकी mail id की आवश्यकता होती है, तभी हम email भेज सकते
हैं| आज के समय में
email, store and forward model पर आधारित है| email भेजना एवं स्वीकार करना email
server की वजह से संभव है|
Email ID का इतिहास – History of Email in Hindi
पहला email तो 1971 में भेजा गया था| परन्तु email की एक छोटी शुरुआत 1965
में ही हो गयी थी|
1965 में MIT University के student एक प्रोग्राम का इस्तेमाल करते थे जिसका
नाम MAILBOX था| इस प्रोग्राम की
सहायता से एक ही कंप्यूटर में एक user दुसरे user के लिए message छोड़ता था|
एक user इस प्रोग्राम में message सबमिट करता था| उसके बाद जब दूसरा user उस
computer में login करता था| तो उसे यह message मिल जाता था| इससे विद्यार्थी दुसरे
विद्यार्थिओं को message के जरिये जरूरी सूचना दे पाते थे|
इसके पश्चात 1969 में US Department of Defence ने एक network स्थापित किया|
इसका नाम ARPANET(Advanced Research Projects Agency Network) था| इस network के अन्दर department के सभी
computers को जोड़ा गया था| इसके बाद 29 October 1969 को इसी network पर पहली बार एक
computer दुसरे computer से संपर्क बनाने में सफल हुआ था|
इसके बाद आया 1971 जब Ray Tomlinson ने पहली बार
Email system बनाया और एक email भेजा| ये email system उन्होंने मुख्यतः ARPANET
के लिए बनाया था| ताकि ARPANET के अंतर्गत email की सहायता से आसानी से संचार हो
सके और ऐसा हुआ भी|
Email ID/Address क्या होता है– Email ID/Address Kya Hota Hai
Email ID/Address Kya Hota Hai : email id या address
दोनों एक ही है| इसलिए मैं आगें सिर्फ email id बोलूँगा|
हम सभी को जब किसी
को कोई पत्र भेजना होता है तो हमें उसके पता अर्थात address की आवश्यकता होती है| पत्र भेजते समय हम
उसमे अपना पता भी डालते हैं| इसी तरह email address होता है| दो लोगों का एक email
address कभी same नहीं हो सकता है| हमें email भेजते समय email address की
आवश्यकता होती है| ये email address एक email account से जुड़ा रहता है जो हमें
हमारा email provider प्रदान करता है| इसी account में हम अपने सभी mail को देख
पाते हैं|
एक email address चार
चीज़ों से बना होता है
1. 1. username – ये एक unique name होता| एक host के अन्दर दो लोगों का एक username कभी भी नहीं हो सकता|
2.
@ - चूंकि ये किसी
के नाम में नहीं आ सकता इस वजह से इसे username एवं hostname में अंतर करने के लिए
बनाया गया है| इसे इस्तेमाल करने का एक कारण ये बताया गया था की ये किसी के नाम
में नहीं आता|
3.
hostname – ये उस
कंपनी का नाम है जो हमें email सेवा प्रदान करता है| आज के समय में gmail, yahoo,
एवं hotmail बहुत ही प्रसिद्ध host हैं|
4.
top level domain –
ये .com या .in जैसे top level domain होते हैं|
अब हम बात कर लेते
हैं की email id kaise banate hain
अगर हम कुछ वर्ष पहले की बात करें तो उस समय
email id बनाने के लिए हमें domain name खरीदना पड़ता था| उसके बाद उसे server आदि
से connect करना पड़ता था| परन्तु आज के समय में ये काम बहुत आसन हो गया|
आज के समय में बहुत से email provider आ गए हैं
जो अपने domain name पर हमें email address प्रदान करते हैं एवं हमारा एक email
account बनाते हैं| उनमे से मुख्य है gmail, hotmail, एवं yahoo mail |
अगर आप इनके साथ अपनी email id बनाना चाहते हैं
तो आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है| आपको बस इनकी website पर जाना है| वहां पर आपको
एक create account का button मिलेगा| आपको उस पर click करना है एवं उसके बाद आपको
उस website के निर्देशों का पालन करना है|
website के निर्देश ज्यादातर english में होते
हैं जिस वजह से बहुत से users को वो समझ में नहीं आते हैं तो उनके लिए हमने Google
की प्रसिद्ध email service, Gmail पर एक चित्र(photo) सहित step by step(चरणबद्ध
तरीके से) लेख लिखा है| आप इस लेख Email Kaise Banate hain को पढ़कर निश्चित ही खुद आसानी से अपनी
email id बना पाएंगे साथ ही दूसरो को भी email id कैसे बनाए के बारे में भी बता
पाएंगे|
Email कैसे कार्य करता है – How Email Works in Hindi
हम email कैसे भेजते
हैं...... send का button दबाकर, परंतु क्या आपने कभी सोचा है की send का button
दबाने के बाद से email पहुँचने तक की क्या प्रक्रिया है या ये email वहां तक कैसे
पहुंचा|
चलिए इसके बारे में
भी जान लेते हैं|
सबसे पहले मैं बताना
चाहूंगा की जब हम mail भेजते हैं तो उसमे पहले ये सुनिश्चित किया जाता है की वह
mail internally मतलब उसी mail client के अन्दर भेजा गया है किसी और mail client
को|
जैसे अगर [email protected] ने [email protected] को कुछ mail किया है तो उसके लिए gmail अपना खुद का
protocol follow करेगा| लेकिन जब यही mail [email protected] को जाएगा तब
hotmail और gmail दो अलग अलग क्लाइंट होंगे| तो इस केस में एक standard protocol
का पालन होता है|
·
सबसे पहले कोई भी
mail client हो, हम mail भेजने एवं पढने के लिए एक MUA(Mail User Agent) का उपयोग
करते हैं| अब जब हम इस MUA से mail भेजते या send बटन पर click करते हैं तब ये
mail SMTP का उपयोग करके MUA से MSA(Mail Submission Agent) के पास पहुँच जाता है|
अब MSA इस mail को जांचता है की इसमें कोई गलती तो नहीं उसके पश्चात ये SMTP protocol
(Simple Mail Transfer Protocol) का पालन करते हए इस mail को MTA(Mail Transfer
Agent) को भेज दे देता है|
·
अब हमारा mail MTA
तक पहुँच चुका है| इसके बाद MTA, email address(जहाँ पर mail पहुंचना है) को पढता
है| इसके बाद MTA उस email address में @ के बाद जो domain name है उसको देखता है|
अब MTA उस domain के server(DNS) से MX record मांगता है| MX record मिलने के बाद
MTA के पास अब ये जानकारी है की mail कहाँ पर पहुंचाना है|
·
अब तक MTA ने mail
पहुंचाने के लिए सारी जानकारी एकत्रित करली है| अब mail भेजने वाले client का MTA,
mail पहुँचने वाले client के MTA से SMTP server के जरिये संपर्क करता है| जब इन
दोनों के बीच में संपर्क हो जाता है तो mail भेजने वाला MTA, mail पहुँचने वाले
MTA को mail दे देता है|
·
अब हमारा mail जिस
क्लाइंट के पास पहुंचना है वहां उसके MTA के पास वो mail पहुँच चुका है| अब ये MTA
अपने सर्वर में उस email id के username को ढूँढेगा| जैसे [email protected] में abc एक username है| जब उसे ये username मिल जाएगा तब वह उस user के
MDA(Mail Delivery Agent) से संपर्क बनाएगा और उसे ये mail दे देगा|
·
अब अंत में जो mail
हमने भेजा था वह MDA के पास पहुँच चूका है अब जब तक user जिसको हमने mail भेजा है
वह अपना MUA(Mail User Agent) नहीं खोल लेता है तब तक ये MDA अपने पास ही mail
रखेगा|
·
जब user MUA खोल
लेता है तब उसका MDA, IMAP या POP3 के जरिये वह mail यूजर के MUA तक पहुंचा देता
है|
काफी लम्बी
प्रक्रिया थी ना!
तो कुछ इसी तरह से
हमारा mail दुसरे user तक पहुँचता है| अब अगर कभी mail पहुँचने में समय लगे तो
थोड़ी देर इंतज़ार करियेगा|
Email के Servers – Types of Email Servers in Hindi
email के मुख्य दो
सर्वर होते हैं|
1.
SMTP – ये एक outgoing server है| जब हम कोई mail भेजते हैं तो
वह इसी सर्वर के द्वारा पहुँचता है| दुसरे client तक email पहुँचने की प्रक्रिया
इसी server के अन्दर आती है| mail पहुँचने की पूरी जानकारी SMTP के पास होती है|
2.
MTA – ये एक incoming server है| हमें कोई भी mail इसी server
के द्वारा आता है| SMTP के द्वारा इस सर्वर तक mail पहुँचता है| उसके बाद इस सर्वर
के द्वारा IMAP या POP3 के जरिये हम तक mail आता है|
Email Protocols क्या है – Types of Email Protocols in Hindi
हम सभी जो email भेजते हैं एवं जो recieve करते हैं वे सब email protocol का पालन करते हैं|
email के मुख्य तीन
protocols होते हैं| इनमे से एक आउटगोइंग protocol है और दो incoming protocol
हैं| चलिए अब इनके बारे में विस्तार से जान लेते हैं|
सबसे पहले हम
outgoing protocol को जान लेते हैं|
1.
SMTP – इसका पूरा नाम Simple Mail Transfer Protocol है| आज के
समय में mail भेज पाना सिर्फ इसी protocol की वजह से संभव है| हम जब भी mail भेजते
हैं तो mail अलग अलग चरणों से गुज़रता है कई servers दुसरे servers के साथ संपर्क साधते
है| तो संपर्क साधने के लिए वे इसी protocol का उपयोग करते हैं| जब तक mail, recipient
MTA तक नहीं पहुँच जाता इसी protocol का उपयोग होता रहता है|
अब हम incoming
protocol के बारे में जान लेते हैं|
2.
IMAP – इसका पूरा नाम Internet Message Access Protocol है| हम
तक जो mail आते हैं वे इसी protocol के जरिये आते हैं| ज्यादातर MDA इस protocol का
उपयोग करके ही हम तक mail पहुंचाते हैं| इस protocol के अंतर्गत आने वाले मेल
server एवं device दोनों पे स्टोर होते हैं| हम इन्हें किसी भी device से मात्र
internet की सहायता से access कर सकते हैं|
3.
POP3 – इसका पूरा नाम है Post Office Protocol 3 है| ये एक
standard protocol है| इस protocol के अंतर्गत आने वाले mail सिर्फ device पर
स्टोर होते हैं| जब हम अपने device को internet से connect करते हैं तब हमारा
device इस protocol का उपयोग करके mail को download कर लेता है एवं server से उन
mail को delete कर देता है| इसकी सबसे बड़ी समस्या ये है की हम एक साथ कई devices
पर mail को sync नहीं कर सकते|
Email में क्या लिखते हैं – Email Different Fields in Hindi
अगर आपको कभी email
भेजना या हो तो हमें ये पता होना चाहिए की email में क्या लिखते हैं| इसलिए हम
इसके बारे में भी जान लेते हैं| एक email में अलग अलग fields रहती है| हम सबके
बारे में एक एक करके जानते हैं|
1.
From – सबसे पहले हमें ये field मिलती है| यहाँ पर जो व्यक्ति
mail भेजता है उसकी email id रहती है| इसमें हमें अपनी mail id भरनी पड़ती है|
2.
To – इस field में जिस व्यक्ति को mail भेजना होता है उसकी
mail id रहती है| इसलिए हम जिसको mail चाहते हैं, हमें उसकी mail id को यहाँ पर
भरना चाहिए|
3.
CC – इसका पूरा नाम होता है Carbon Copy | कई बार ऐसा होता है
की एक जरूरी mail हमें कई सारे email address पर भेजना होता है तब इसका इस्तेमाल
होता है| हम इसमें अन्य mail address डालते हैं जिन तक हमें mail पहुंचाना होता
है| जब हम इसके द्वारा कई लोगों को mail भेजते हैं तो सबको एक दुसरे के बारे में
पता होता है की किस किसको email पहुंचा है| ये field वैकल्पिक होती है|
4.
BCC – इसका पूरा नाम होता है Blind Carbon Copy | कई बार ऐसा
होता है की हमें एक ही mail कई email address पर भेजना हो लेकिन उन्हें छुपाकर
रखना हो तब हम इसका उपयोग करते हैं| इसके द्वारा हम जिस email address पर mail
भेजते हैं उस पर mail तो अवश्य पहुँचता है पर किसी दुसरे व्यक्ति को इसके बारे में
पता नहीं चलता है| ये field वैकल्पिक होती है|
5.
Subject – यहाँ पर हम जो mail भेज रहे होते हैं उसके विषय के के
बारे में लिखना होता है|
6.
Body – यहाँ पर हमें अपना सन्देश या message जो भी आप भेजना
चाहते हों वो लिखना होता है|
Email के फायेदे – Email Advantages in Hindi
आज के समय में email
का उपयोग बहुत बढ़ गया| इसकी एक मुख्य वजह है इसके फायेदे|
1.
आज के time में
email बिलकुल फ्री है| आप इसे सिर्फ internet की सहायता से भेज सकते हैं|
2.
हम email को कभी भी,
कहीं से भी भेज सकते हैं| हम 24/7 घंटे email भेज सकते हैं|
3.
हम एक साथ कई लोगों
को email भेज सकते हैं|
4.
mail client के पास
हमारे सभी mails का record स्टोर होता है| जिसकी सहायता से हम सर्च tool का उपयोग
कर कोई भी mail आसानी से ढूंढ पाते हैं|
5.
हम एक email में
दूसरी files को attach करके भेज सकते हैं|
Email के नुक्सान - Email Advantages in Hindi
email के कई नुक्सान
भी हैं जिसके बारे में भी हम जान लेते हैं|
1.
पहली समस्या ये है
की हमें email भेजने एवं प्राप्त करने के लिए internet की जरुरत पड़ती है| हम बिना
internet का इसका उपयोग नहीं कर सकते
2.
हम email में ज्यादा
बड़ी size की files को attach करके नहीं भेज सकते| साथ ही ऐसी बहुत सी files है जो
email support नहीं करता है एवं हम उन्हें attach नहीं कर पाते हैं|
3.
email की एक बड़ी
समस्या ये है की हमें इसके द्वारा सबसे ज्यादा spam mail मिलते हैं| चूंकि email
फ्री है इसलिए ज्यादातर लोग इसकी सहायता से ही spam करते हैं|
spam mail के अलावा phishing एवं hacking mail का जरिया भी
सिर्फ email है|
ज्यादातर computer virus इन spam mail के जरिये ही फैलते
हैं|
लेकिन इनसे डरने की जरुरत नहीं| आज के समय में AI बहुत आगें
हो गयी है एवं gmail जैसे client हम तक mail पहुँचने से पहले उन सभी mail को
filter करते हैं उसके बाद वे हम तक पहुँचते हैं|
Email vs Gmail
इसमें ज्यादातर लोग
confuse होते हैं| क्योंकि email एवं gmail सुनने में एक सामान है तो लोग ये सोचते
हैं की इनमे क्या फर्क है| इस फर्क को भी हम जान लेते हैं|
हमने अभी तक email
के बारे में जितना भी पढ़ा है उससे हमें ये पता चल चूका है की internet की सहायता
से पहुँच हुआ mail अथवा पत्र email कहलाता है|
अब email तो एक शब्द है जिस तरीके से पत्र एक शब्द है| अब हमें पत्र भेजने के लिए किसी कंपनी की आवश्यकता पड़ती है| जैसे भारत में हम India Post के जरिये पत्र भेजते हैं| इसी तरह से Gmail एक client/company है जो हमें email भेजने की सुविधा उपलब्ध कराती है| Gmail के अलावा हम Hotmail(Outlook) अथवा Yahoo Mail के द्वारा भी Email ID बना सकते हैं| ये दोनों ही लोकप्रिय mail client हैं|
हम सभी खाने में आटे
का उपयोग करते हैं परन्तु आटा अलग अलग कंपनी बेचती हैं| इसी तरह से email की सेवा
भी अलग अलग कंपनी प्रदान करती हैं|
निष्कर्ष - Email ID/Address Kya Hota Hai
हमने आज email id kya hoti hai के बारे में विस्तार से जाना| email एक ऐसा विषय है जिसके बारे में हम कई चीज़े जान सकते हैं जो की आज हमने जानी भी| हमने आज ये भी जाना की email ka matlab kya hota hai and email id kise kahate hain, हमने email के server एवं उसके protocol के बारे में भी जाना| हमें email में क्या लिखते हैं जाना| email के फायदे एवं नुक्सान के बारे में भी हमने बात की| अगर आपको ये लेख पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ share कर सकते हैं एवं उनके साथ भी email की सम्पूर्ण जानकारी साझा कर सकते हैं| हमारा यही प्रयास रहता है की आपको एक लेख में ही सम्पूर्ण जानकारी मिल जाए| अगर आपको इस लेख से सम्बंधित कोई भी सवाल हो तो आप हमसे comment में अवश्य पूछ सकते हैं|