Cloud Computing Kya Hai Aur Iske Prakar : नमस्कार दोस्तों मैं
अमन पाठक, moody dost में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत करता हूँ| आज का ये लेख
आपके लिए काफी उपयोगी होने वाला है| आज हम एक ऐसे विषय के बारे में बात कारेंगे
जिसके बारे में ज्यादातर लोगों ने सुना है लेकिन बहुत कम लोग उसके बारे में जानते हैं|
आज हम बात करेंगे cloud computing kya hai के बारे में, आज हम इसको अच्छे से जानेंगे| अगर आज के समय की बात करें तो पूरे internet में cloud computing का use होने लगा है| हम एक दिन में ना जाने कितने बार इस सेवा का उपयोग कर लेते होंगे और हमें पता भी नहीं चलता|
आप सभी ने cloud storage के बारे में तो जरूर सुना होगा| cloud storage जैसे Google Drive या One Drive जहाँ पर आप अपने जरूरी files को store करते होगे| लेकिन कभी आपने ये सोचा है की ये हमारा data कहाँ रखते हैं और ये data जाता कहाँ है| कहीं इसका नाम cloud storage है तो कहीं ये बादल में जाता है क्या?
ऐसा ख्याल आपके मन में जरूर
आया होगा| लेकिन इसका जवाब पता नहीं होगा तो आज इसी जवाब को हम यहाँ पर जानेंगे|
(toc)
Cloud Computing क्या है एवं कैसे काम करता है - Cloud Computing in Hindi
Cloud Computing Kya Hai : आज के समय में ऐसी कई सेवाएं हैं जो server के द्वारा प्रदान की जाती है परन्तु server से ये सेवाएं हमें cloud computing का उपयोग कर network के जरिये पहुंचाई जाती है| आसन भाषा में कहा जाए तो server हम तक अपनी सेवाएं(services) cloud computing तकनीक के जरिये हम तक पहुचाते हैं|
cloud
computing तकनीक के जरिये हमें server या सेवाएं प्रदान करने वाले कंप्यूटर से किसी wire connection नहीं
जुड़ना पड़ता है, हम सिर्फ internet से जुड़कर cloud computing की सहायता से इन
सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं|
अगर cloud computing meaning in hindi की बात करें तो cloud computing, विभिन्न सेवाओं को internet के जरिये हम तक पहुंचाने का एक तरीका है|
आसन शब्दों में कहें तो data को अपने computer पर store/process
करने की बजाये internet पे उपलब्ध remote server पर data store/process करना एवं
वहीँ से access करने को cloud computing कहते हैं| cloud computing को
internet पर आधारित computing भी कहा जाता है|
कई लोगों का मानना है की cloud computing सिर्फ
storage के लिए उपोग की जाती है| लेकिन ऐसा नहीं है storage से बढ़कर भी cloud
computing के बहुत से उपयोग हैं| जैसे की processing, infrastructure, computing
resources एवं platform आदि|
मैं उदहारण के द्वारा आपको समझाने की कोशिश करता
हूँ|
मान लीजिये आपके computer धीमा है एवं आप इस पर अपने software आदि का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं परन्तु आपके पास एक अच्छा internet है| अब अगर आपको software आदि उपयोग करना है तो आपको अपना कंप्यूटर बदलना पड़ेगा| परन्तु कहीं बाद में हमें उस software की जरुरत ना हो तो हमारा नया computer खरीदना बर्बाद जाएगा|
लेकिन क्या ऐसा नहीं हो सकता की किसी का computer किराय पर ले लें| अब इस उदहारण में अगर आपकों किसी का computer किराय पर लेना है तो आपको उसका computer घर पर लाना होगा| लेकिन इसमें भी एक समस्या है की आपको computer लाकर उसकी देखभाल करनी होगी एवं वो computer घर में जगह भी घेरेगा|
इसका एक उपाय
है की हमने जहाँ से किराय पर कंप्यूटर लिया है उसे वहीँ रहने दें एवं internet की
सहायता से उस computer को घर से ही access कर लें| इसी तरह से cloud computing काम
करता है| cloud computing में हम जो भी काम कर रहे होते हैं वह एक दुसरे
computer पर process एवं store होता है| हम सिर्फ internet की सहायता से उसे
access कर रहे होते हैं|
एक सरल उदहारण देता हूँ| हम सभी bank locker के बारे में जानते हैं| बैंक हमसे locker का शुल्क वसूलता है एवं हम अपने जरूरी सामान उस locker में रखते हैं| हमारे सामन की पूर्ण सुरक्षा locker प्रदान करने वाले बैंक की होती है| हम जब चाहें bank locker से अपना सामान निकल सकते हैं या उसे बंद कर सकते हैं|
इसी तरह से cloud काम करता है| कोई बड़ी कंपनी हमसे शुल्क लेकर
internet के जरिये हमें अपनी सेवाएं प्रदान करती है| bank locker एवं cloud
computing में बस थोडा फर्क है की bank locker के सामन को अगर हमें access करना
होता है तो हमें bank जाना पड़ता है लेकिन cloud की services हम सिर्फ internet के
जरिये access कर सकते हैं|
विश्व में ऐसे कई centres बने हैं जो हमें cloud
computing के जरिये services provide करते हैं| इनमे बड़ी मात्र में सर्वर उपस्थित
रहते हैं| इन centres को datacentre कहा जाता है|
इनके द्वारा उपलब्ध
करायी गयी services कई प्रकार की होती हैं जैसे Application, Platform, Storage
एवं Infrastructure.
चूंकि आज के समय में
बहुत से ऐसी कंपनियां हैं जो cloud computing उपयोग करना चाहती है परन्तु उनके पास
resources नहीं होते हैं तो ऐसे में कुछ बड़ी दूसरी कंपनियां को cloud services उपलब्ध कर रही
है|
1. Amazon Web Services
2. Google Cloud Platform
3. Microsoft Azure
4. IBM Cloud
5. Oracle Cloud
6. VMware Cloud
7. Dell Technologies Cloud
8. Alibaba Cloud
Cloud Computing के उदहारण – Cloud Computing Examples in Hindi
उदाहरण की सहायता से हम कोई भी चीज़ आसानी से समझ
जाते हैं| इसी के साथ daily life में cloud computing के ऐसे बहुत से उदहारण है|
आप सभी facebook youtube का उपयोग तो अवश्य करते
होंगे| परन्तु क्या आपको पता है की इनमें cloud computing का उपयोग होता है|
हम सभी facebook में अपनी photos upload करते
हैं एवं दूसरों की photos को देखते हैं एवं हम अपनी photos को बाद में किसी भी
device से देख पाते हैं क्योंकि हमारी फोटो cloud storage पर अपलोड हो जाती है|
इसी तरह youtube भी है| क्या हम youtube से किसी
तार से connect रहते हैं या फिर वे विडियो हमारे फ़ोन में रहती हैं| नहीं ना!
वे वीडियोस हम तक cloud computing की माध्यम से
पहुँच पाती हैं|
Google Drive या Gmail को तो हम
सब ने एक ना एक बार उपयोग किया होगा| gmail पर आई हुई mails को हम अपने computer,
laptop एवं phone कहीं से भी access कर पाते हैं| ऐसे ही google drive का data भी
हम internet की सहायता से कहीं से भी access कर पाते हैं| ये दोनों cloud
computing पर ही आधारित है|
Cloud Computing की services के अनुसार कुछ
उदहारण-
1. SaaS – Google Drive,
Dropbox, Facebook
2. PaaS – Google App Engine,
Windows Azure, AWS Elastic
3. IaaS – Google Compute
Engine, Microsoft Azure, Amazon Web Services
Cloud Computing का इतिहास
अब हम एक बार इसके इतिहास को भी थोडा समझ लेते हैं की cloud
computing की शरुआत एवं लोकप्रियता कहाँ से हुई|
·
cloud
computing की लोकप्रियता 2006 में अमेज़न से बड़ी| इस समय अमेज़न ने Amazon Web
Services की शुरुआत की जो आज के समय में एक लोकप्रिय कंपनी है
·
इसके बाद
2010 में Microsoft ने Microsoft Azure को release कर दिया
·
इसके बाद
2011 में IBM Cloud सेवा भी शुरू हो गयी
· फिर 2012 में गूगल ने Google Compute Engine को release किया
Cloud Computing का ढांचा (Architecture)
इस दुनिया में हर चीज़ का एक ढांचा अवश्य होता
है| वैसे ही cloud computing का भी ढांचा है| इससे हमें ये पता चलेगा की cloud
computing के कितने भाग होते हैं|
किसी भी cloud computing के तीन भाग होते हैं|
1. Front End – इस
भाग में हम जैसे client होते हैं जो cloud computing का लाभ लेते हैं| client भी
दो तरह के होते हैं| 1. Fat Client 2. Thin Client
2. Back End Platform –
इस भाग में server एवं storage devices आते हैं, जिनमें हमारा data स्टोर होता है
या फिर जो हमें विभिन्न सेवाएं प्रदान करते हैं|
3. Network – ये वह हिस्सा है जिससे cloud चलता है क्योंकि cloud computing से जुड़ने के लिए हमें network के जरिये cloud devices से जुड़ना पड़ता है| network की पूर्ती internet ने की|
Cloud Computing की परतें(Layers)
इन परतों का नाम है –
1. Application (SaaS) – सबसे ऊपर ये परत होती है| ये साधारण user को
services उपलब्ध करती है| Drobox इसका एक अच्छा उदहारण है|
2. Platform (PaaS) – ये बीच के परत होती है| इस परत के द्वारा
developers को अनेकों प्रकार की सेवाएं मिलती हैं|
3. Infrastructure (IaaS)
– सबसे नीचे ये परत होती है| इस परत पर बड़ी कंपनिया दूसरी कंपनियों
को system एवं server आदि उपलब्ध कराती हैं| ये परत cloud computing की सबसे जरूरी
परत होती है|
इसी परत में cloud
hosting होती है|
Cloud Computing के प्रकार Types of Cloud Computing Services
Cloud Computing Ke Prakar : Cloud computing की services उसकी परतों पर
आधारित हैं|
1. Software—as-a-Service (SaaS) –
saas सबसे ज्यादा उपयोग होने वाले cloud computing का प्रकार है| इस service या प्रकार को हम अपनी daily लाइफ में कई बार use कर लेते हैं| saas की सहायता से हम किसी software को internet से जुड़कर अपने browser या app के जरिये उपयोग कर सकते हैं|
इसके लिए हमें किसी भी तरह की hardware की installation या management करने की जरुरत नहीं पड़ती है| इसके साथ ही ज्यादतर saas application(software) direct browser से ही चल जाती हैं, जिस वजह से हमें इनके app को phone में इनस्टॉल करने की भी जरुरत नहीं पड़ती|
इन software का data अपने आप internet से जुड़कर cloud computing के जरिये server पर upload हो जाता है| इसके बाद हम किसी भी device से data को access कर सकते हैं| इस तह के कुछ software फ्री होते हैं एवं कुछ में हमें मासिक सदस्यता(Monthly Subscription) लेनी पड़ती है|
ज्यादातर software,
pay-as-you-go model पर चलते हैं| इसका मतलब होता है जितना उपयोग करें उतना पैसा
दें|
saas के बहुत से उदाहरण हैं जो हम
हमेशा use करते हैं|
इनमे से कुछ है – google docs,
gmail, microsoft 365,dropbox
SaaS के फायदे (Advantages
of SaaS (Software—as-a-Service)
1)
पैसों की बचत- जैसा की मैंने
बताया है की इसमें हमें सिर्फ उतने ही पैसे देने पड़ते हैं जितनी सेवाओं का हमने
इस्तेमाल किया हो|
2)
समय की बचत- चूंकि इसमें आपको
ज्यादातर software को download एवं install नहीं करना पड़ता है इसके जगह हम उन्हें
सीधे browser पे चला सकते हैं| इस वजह से उनके install एवं download करने का समय
बच जाता है|
3)
उपलब्धता- इनमें store data को हम
कहीं से भी access कर सकते हैं| हमें अलग से किसी storage device की आवश्यकता नहीं
पड़ेगी|
4)
अपने आप अपडेट- हमें इन्हें बार
बार update करने की भी आवश्यकता नहीं है| subscription की वजह से नया version आने
पर खरीदने की जरुरत भी नहीं है|
2. Platform—as-a-Service (PaaS) –
cloud computing में paas category
मुख्य रूप से developer के लिए बनायीं गयी है| paas, internet पर developer को
application बनाने के लिए सेवायें प्रदान करता है एवं internet पर application
build करने लायक वातावरण बनाता है| paas सेवायें cloud में host की जाती हैं एवं
वे आसानी से किसी भी browser के द्वारा उपलब्ध रहती है|
paas provider(प्रदान करने वाला),
hardware एवं software अपने खुद के infrastructure पे host करता है| जिससे paas
user(उपयोगकर्ता) को application test करने के लिए hardware या software install
एवं उन्हें manage नहीं करना पड़ता|
paas का use developers के द्वारा
application बनाने एवं उसे test करने के लिए सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है| जैसा
की ऊपर बताया की provider अपने कुहद के infrastructure पे software एवं hardware
host करता है जिससे user की app test करने की सीमायें टूट जाती हैं| इससे फायदा ये
होता है application कितनी भी बड़ी हो और computer धीमा हो तो application testing
में फर्क नहीं पड़ेगा|
paas में एक बड़ा लाभ है की उपयोगकर्ता को
network, server, storage, operating system आदि manage नहीं करना पड़ता है| सब कुछ
provider manage करता है|
PaaS के फायदे (Advantages of
PaaS (Platform—as-a-Service)
1) ये developers के लिए बहुत आसन
होता है| developers को कई तरह की IT सेवाएं एवं infrastructure प्रदान करता है|
जिसे users आसानी से internet की मदद से आसानी से access कर सकते हैं|
2) ये इस तरीके से बनाया गया है की
किसी भी application की testing, से लेकर deployment तक सब यहीं पर हो सके|
3) ये आपको higher level programming
language को इस्तेमाल करने की अनुमति देता है| जिससे किसी भी application की
development आसानी से हो जाती है|
3. Infrastructure—as-a-Service (IaaS)
cloud
computing में iaas category
मुख्य रूप से दूसरी कंपनियों के लिए है| इसमें एक बड़ी कम्पनी कई कामों के लिए
दूसरी कंपनी को infrastructure provide करती है| infrastructure में networking equipments, database, server आदि आते हैं|
इसका एक अच्छा उदहारण है जो हाल
ही में हुआ है| PUBG Mobile ने भारतीय user के data को रखने के लिए microsoft से
deal की है| इस deal में microsoft ने अपने servers PUBG mobile को दिए हैं जिसमे
pubg mobile भारतीय users का data store करेगा|
1) ये काफी secure होता है|
2) आपको इसे maintain करने की जरुरत
नहीं पड़ती| आपको server provide करने वाली कंपनी ही इन्हें manage करती है|
अब हमने cloud computing की services को अच्छे से समझ लिया
है| अब हम समझेंगे की cloud क्या होता है एवं cloud कितने प्रकार का होता है|
Deployment के आधार पर Cloud Computing के प्रकार – Cloud
Deployment Models
Deployment Ke Aadhar Par Cloud Computing Ke Prakar : cloud कोई physical hardware आदि नहीं होता है| ये एक शब्द है| आसन भाषा में समझाऊँ तो ये शब्द group को परिभाषित करता है| ये group, cloud services प्रदान करने वालो का एवं उन सेवाओं का उपयोग कर रहे users का होता है| आप इसे एक network या connection की तरह समझ सकते हैं|इसी cloud के अन्दर data host होता है एवं इसी cloud के जरिये ऊपर बताई गयी cloud computing services हम तक पहुँचती हैं|
Cloud 4 तरह के
होते हैं – जिन्हें cloud deployment model भी कहा जाता है|
1. Public Cloud –
इस cloud के अंतर्गत आने वाली सेवायें आपको third parties प्रदान करती हैं एवं ये cloud उन्ही के द्वारा manage किया जाता है| इसके अंतर्गत आने वाली सेवाएं “उपयोगानुसार भुगतान करो” model पर आधारित होती हैं|
इस cloud के अंतर्गत आने वाली सेवाओं का उपयोग छोटी कंपनियां उपयोग
करती है| इन कंपनियों के पास इतना पैसा नहीं होता है की ये अपना infrastructure
बना सके जिस वजह से इन्हें अपनी IT जरूरत के लिए public infrastructure पर आश्रित
रहना पड़ता है| public cloud के
अंतर्गत प्रदान की गयी सेवाओं का उपयोग कोई भी कर सकता है| इसमें hardware आदि सब
cloud service provider संभालता है|
2. Private Cloud –
ये cloud public cloud के विपरीत होता है| जहाँ पर public cloud पर प्रदान की गयी सेवायें सब के लिए उपलब्ध हैं वहीँ पर private cloud के अंतर्गत आने वाली सेवाएं सबके पास उपलब्ध नहीं है एवं हर कोई उन्हें access नहीं कर सकता|
जैसे google drive, इस पर उपलब्ध सेवाओं
का लाभ जब तक google ना चाहे तब तक आप नहीं उठा सकते| अगर गूगल आपकी google drive
सेवा बंद कर दे तो आप उसे उपयोग नहीं कर पाएंगे|
इसे internal या corporate cloud
भी कहा जाता है| ये सेवायें आपको internet या private internal network के जरिये
users तक पहुचाई जाती है|
3. Hybrid Cloud –
इस cloud के
अंतर्गत public एवं private cloud दोनों आते हैं| hybrid cloud के अन्दर ये दोनों
cloud जरुरत आने पर आपस में data transfer भी कर सकते हैं| जब कभी अगर private
cloud में कुछ समस्या हो तो hybrid cloud आपको public cloud उपयोग करने की सेवा
उपलब्ध करवाता है|
4. Community Cloud –
इस cloud के अंतर्गत आने वाली
सेवायें बस कुछ चुनिंदा लोगो के लिए होती है| ये कुछ लोगो का समूह हो सकता है| कोई
भी बाहरी व्यक्ति इसे access नहीं कर सकता| आप ऐसे समझ सकते हैं की कोई कंपनी इस
cloud का use कर रही है तो उसका data का access सिर्फ उस कंपनी के कर्मचारियों तक
रहेगा|
Cloud Computing के Characterstics – Cloud Computing Characterstics
1. On-Demand self-services :- cloud
computing service में किसी भी तरह के human administrators की जरुरत नहीं पड़ती
है| इन सेवाओं का उपयोग कर रहे users अपनी जरुरत के हिसाब computing resources को
घटा बढ़ा सकते हैं|
2. Broad Network Access :- cloud
computing के द्वारा services ज्यादातर standard network पर प्रदान की जाती है|
जिससे ज्यादा लोग इसका फायदा उठा पाते हैं|
3. Rapid Elasticity :- cloud
computing में हम IT resources को जरुरत के हिसाब से तुरंत के तुरंत घटा बड़ा सकते
हैं|
4. Resource Pooling – अलग अलग तरह
के IT resource जैसे network,servers, storage, application आदि जो वर्तमान में
हैं, आपस में एक दुसरे से जुड़े रहते हैं| जिससे एक physical resource ही कई सारे
client को services प्रदान कर पाता है|
5. Measured Service :- cloud
computing में service प्रदान करने provider वाला या उन services का उपयोग करने
वाला user, इन services को measure कर सकता है| जिससे user देख सकता है की उसने
कितनी services use की है| साथ ही service provider देख सकता है की उसने कितनी
services provide की है| इसके बाद उसके अनुसार bill बना सकता है|
आज हमने क्या सीखा
आज हमने cloud computing kya hai के विषय में विस्तार से जाना| हमने जाना cloud
computing क्या होता है, कैसे काम करता है, इसका architecture, इसकी layers एवं
हमने इसके द्वारा कितने तरह की सेवाएं प्रदान की जाती है, को विस्तार से जाना| हमने
cloud computing के कुछ उदहारण भी जाने जिनका उपयोग हम आम जिंदगी में करते हैं|
हमने इसके deployment models पर भी बात की एवं इसके characterstics भी जानें|
मुझे पूरी उम्मीद है की आपको ये लेख अवश्य पसंद आया होगा| अगर आपका cloud
computing से सम्बंधित कोई एनी प्रश्न हो तो आप उसे टिपण्णी में पूछ सकते हैं|